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Wednesday, June 22, 2011

दिल के सारे  हसीं जज्बातों को,
  अपने इन नाजुक होठो  की पनाह दो,
मेरी इस मुख़्तसर सी ज़िन्दगी को,
   अपने प्यार से महका दो,

Sunday, June 19, 2011

दिल से नज़दीक आँखों से ओझल,
   बाज़ चेहरे अजीब होते हैं....

तुम तो निगाहें फेर के खुशियों में खो गए,
हमने उदासियों को मुकद्दर बना लिया,,

Tuesday, June 14, 2011

इस दिल के इतने टुकड़े हुए,
                                   कि वो चुनने भी न आया,
आसुओं को मुस्कुरा के छुपा लेना,
                            यही एक रास्ता समझ में आया.....

Friday, June 3, 2011

woh

मैं रोज़ मिलता था उससे हँसते हुए,
आरजुओं को उससे से छिपाकर, 
बरसो से बुनता था पलकों पर सपने उसके,
पर ख्यालों में खो जाती थी हमसे,
दिल-ऐ-नश्तर  सी चुभती थी उसकी नज़रे,
रहा नहीं गया मुझसे कुछ बोले बगैर,
मुस्कुरा कर नज़रे झुका लिया था उसने,
और फिर  सारी कायनात चेहरे पे समेत कर बोली,
था मुझे भी इंतजार इन्ही लम्हों का......