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Tuesday, May 31, 2011

आँखों में नमी,
खोजती निगाहें,
मायूसी चेहरे पर,
बंद है लब,
यही है मेरे प्यार की 
जुबान,

Sunday, May 15, 2011

"फिर से उस शख्स को जाकर देखे हम.
उसमे क्या है कि जो पागल हुए हम "
जहाँ से चाँद ने एक बार मुझको  देखा था,
मैं  छोड़ आया हूँ ऑंखें उसी दरीचे में,

Saturday, May 14, 2011

"जागती  आँखों में वीराने बसे थे  लेकिन, 
पलके मुंदी  तो तो हुआ ख्वाब जंजीरा आबाद "

Friday, May 13, 2011

एक मुद्दत हुई, 
तुमसे कहना है कुछ पर मैं कैसे कहू, 
आरज़ू है मुझे ऐसे अल्फाज़ की,
जो किसी से कहे न हो, 
लफ्ज़ कुछ ऐसे हो,
जो सुरमई शाम के गेसुओं में बंधी,
बरिशे खोल दे, 
फूल के सुर्ख होटों पे ओश रख दू
ख्वाब की मांग में सिन्दूर की लाइन खीच दू,
आरजू है ऐसे अल्फाज़ की,
ख्वाब को हकीकत किया जा साके
एक सच्ची कहानी किया जा सके,..............
 

Tuesday, May 10, 2011

SIRF TUM------still waiting

क्यूँ भटकता हूँ मैं,
इस दर्द के रेगिस्तान में ,
प्यार की एक बूँद के लिए,
शायद किश्मत को मेरा ,
भटकना  ही मंजूर है, 
ए मेरी कल्पना, 
एक बार आगोश में लेकर देख, 
मैं भी बिखरना चाहता हूँ,
कही ऐसा न हो कि,
समय के झंझावत ,
मुझे तुम्हारे  आने से पहले ही,
बिखेर दे,
कागज़ के टुकडो कि तरह,
और रह जाऊ मैं  इक ,
इतिहास बनकर,





Sunday, May 8, 2011

Mere Sabd: वो खूबसूरत ऑंखें,सारे प्यार को समेटे हुए, अथाह गहर...

Mere Sabd: वो खूबसूरत ऑंखें,सारे प्यार को समेटे हुए, अथाह गहर...: "वो खूबसूरत ऑंखें, सारे प्यार को समेटे हुए, अथाह गहराई है जिनकी, पता नहीं क्यूँ मुझे, एक नई दुनिया दिखाती है , गहरी झील सी ऑंखें, तैरना जनता..."
वो खूबसूरत ऑंखें,
सारे प्यार को समेटे हुए, 
अथाह गहराई है जिनकी,
पता नहीं क्यूँ मुझे,
एक नई दुनिया दिखाती है ,
गहरी झील सी ऑंखें,
तैरना जनता हु फिर भी, 
डूब जाना चाहता हूँ ,
बह जाना चाहता हूँ ,
हवा में उड़ते पत्ते के ,
मानिंद
काजल की रेखा लगती है,
एक खूबसूरत किनारा, 
जिस पर खड़े होकर,
अक्सर मैं सोचता हु,
काश! यह जन्नत मेरी होती,
सायद येही है,
दिवा स्वप्न मेरा.............................. 









Wednesday, May 4, 2011

एक सुरमई शाम,
जब बादल  खेल रहा था,
आँख मिचौली,
एक पुल की रेलिंग पर ,
अपने हाथो में ,
मेरा हाथ लेकर ,
मेरी आँखों में झांक कर ,
तुमने कहा था ,
आई  लव  यू ,
और मैं मौन होकर,
तुम्हारी सपनीली आँखों में खोकर ,
अपनी ज़िन्दगी तलाशता रहा
और नदी बहती रही ,
आज भी वो नदी पूछती है ,
तुम्हारी ज़िन्दगी कहा गयी,
अब तुम ही बताओ,
मैं क्या जवाब दूं ??????????