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Sunday, November 13, 2011

आज भी याद है मुझे. हनुमान मंदिर , किदवई नगर , कानपुर.
तुम्हारा इंतज़ार करना, मिलना और Engg. college चले जाना,
वक़्त गुजरा, तुम  दूर हो गयी लेकिन यादें अभी भी ताज़ा है,
शायद तुम्हे यकीन न हो की मै तब से  कानपुर आया ही नहीं...........
लेकिन अब भी मेरी यादों की सडक लेबर कालोनी , हनुमान मंदिर,
किदवई नगर, कानपुर तक जाती है.


 तुम्हारी यादें
 

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