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Monday, September 3, 2012

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"मेरी उनींदी आँखों से,
एक ख्वाब बनकर गुजर गयी,
"तुम"
  न जाने क्यूँ अब,
हर वक़्त ख्वाब देखने का ,
जी करता हैं,
"मेरा "  

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