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Sunday, May 8, 2011

Mere Sabd: वो खूबसूरत ऑंखें,सारे प्यार को समेटे हुए, अथाह गहर...

Mere Sabd: वो खूबसूरत ऑंखें,सारे प्यार को समेटे हुए, अथाह गहर...: "वो खूबसूरत ऑंखें, सारे प्यार को समेटे हुए, अथाह गहराई है जिनकी, पता नहीं क्यूँ मुझे, एक नई दुनिया दिखाती है , गहरी झील सी ऑंखें, तैरना जनता..."

1 comment:

  1. क्या सीरत थी, क्या सूरत थी..
    पाँव छुए और बात बनी, अम्मा एक मुहूर्त थी...

    happy mothers day...

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