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Wednesday, May 4, 2011

एक सुरमई शाम,
जब बादल  खेल रहा था,
आँख मिचौली,
एक पुल की रेलिंग पर ,
अपने हाथो में ,
मेरा हाथ लेकर ,
मेरी आँखों में झांक कर ,
तुमने कहा था ,
आई  लव  यू ,
और मैं मौन होकर,
तुम्हारी सपनीली आँखों में खोकर ,
अपनी ज़िन्दगी तलाशता रहा
और नदी बहती रही ,
आज भी वो नदी पूछती है ,
तुम्हारी ज़िन्दगी कहा गयी,
अब तुम ही बताओ,
मैं क्या जवाब दूं ??????????












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